Tuesday, August 10, 2010



"शहीदों को सलाम" केंद्रीय अध्यक्ष का पैगाम

इस वर्ष आजसू अपनी रजत जयंती मना रहा है | आज से ठीक २४ वर्ष पूर्व हमारे क्रांति वीरों ने झारखण्ड राज्य के निर्माण के संघर्ष को मुकाम तक पहुँचाने के लिए आजसू का गठन किया था | उनमे से कई क्रन्तिकारी सहयोगी आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके सपनो के धागे एवं उनके शहादत की ताकत के सहारे हमारी यात्रा अनवरत जारी है | आज पूरा आजसू परिवार उनकी शहादत को सलाम करता है | उन्हें अपना नमन अर्पित करता है |
एक आन्दोलनकरी संगठन से एक राजनितिक दल तक की अपनी यात्रा आजसू ने संघर्ष बलिदान एवं कुर्बानियों के पीड़ादायक पगडंडियों से होकर तय की है | हमने जंगलों में रातें बिताई हैं! शोषणकारी सरकारी तंत्र का जुल्म झेला है | मेरे भाइयों ने अलग झारखण्ड के लिए बन्दुक की गोलियां खाई हैं | मेरे क्रातिकारी साथियों ने अपने प्राण न्योछावर किये हैं | बिधवा हुई बहनों के क्रंदन की गूँज मुझे अभी भी सुने दे रही है |
यात्रा अभी शेष है | झारखंडियों की सुनी आँखों में आक्रोश की ज्वाला की तेज साफ़ साफ़ देखि जा सकती है | पीड़ा इतनी गहरी है की लोग निःशब्द और निस्तेज हो गए हैं |
इस परिस्थिति में आजसू को फिर नेतृत्व की भूमिका में आना होगा | उमीदों के बुझ रहे दिए को पुनः तेज प्रदान करने के लिए आजसू के कार्यकर्ताओं को गांवो की ओरे कूच करना होगा | शहीदों के सपनो को साकार करने के लिए हमें नए कार्यक्रमों नए रणनीति एवं नए जोश के साथ झारखण्ड की उन झोपड़ियों की ओर रुख करना होगा, जहाँ लोग भूखे सो जाते हैं, जिनके बच्चे विद्यालय नहीं पहुँच पाते हैं | जहाँ मेरे भाई दवा के बिना दम तोड़ रहे हैं, जिस चौखट पर पहुँचने से पहले ही विकास  की धारा सूख जाती है |
एक राज्य के रूप में झारखण्ड की विफलता का सन्देश साफ़ है - किसी भौगोलिक हिस्सों को राज्य का दर्जा मात्र देने से उनका विकाश सुनिश्चित नहीं हो जाता है | जागरूक जनता, दूरदर्शी, समर्पित एवं कुशल राजनैतिक नेतृत्व, निष्पक्ष एवं सकारात्मक मीडिया एवं संवेदनशील नौकरशाही विकाश एवं प्रगति के पैमाने पर राज्य की सफलता की आवश्यक पूर्व शर्तें हैं | दुर्भाग्यवश एक दशक में इन अवयवों का राज्य में मजबूती से विकाश नहीं हो पाया | मै जानता हूँ की राज्य परिपक्व राजनैतिक नेतृत्व, सकारात्मक सोच एवं विश्वसनीयता के संकट के दौर से गुजर रहा है | यदि राज्य को इस कुचक्र से बाहर निकलना है तो हर स्तर पर - विधायिका, कार्यपालिका, एवं मीडिया को - सकारात्मक पहल करनी होगी |
हाल ही में  राज्यसभा चुनाव में आजसू के निर्णय पर कुछ लोगों द्वारा सवाल खड़े किये गए | मै अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करता हूँ | लोकतान्त्रिक व्यवस्था का पूरा ढांचा ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बुनियाद पर खड़ा है | मै सिर्फ इतना कहना चाहूँगा की हम संघर्ष की उपज हैं | उसूलों से समझौता हमारा संस्कार नहीं है राज्य निर्माण के विगत दस वर्षों में एक राजनीतिक कार्यकर्त्ता के रूप में हमने अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी जवाबदेही एवं पारदर्शिता के साथ किया है | हमारे सभी निर्णयों के प्रेरक तत्व जन सरोकार के मुद्दे ही रहे हैं | जन हित को केंद्र में रखकर  ही हमने निर्णय लिया है | आने वाले दिनों  में ये बातें साफ़ हो जाएगी | अतः बेहतर होगा की राजनितिक दल के रूप में आजसू पार्टी के द्वारा लिए गए राजनैतिक निर्णय की समीक्षा का कार्य जनता के लिए छोड़ दिया जाए | मुझे जनता के निर्णय पर भरोसा है |
आजसू ने वर्तमान राजनैतिक परिस्थति में  झामुमो के साथ मिलकर राजनैतिक गतिविधियाँ चलने का निर्णय लिया है, इसका अर्थ यह कतई नहीं है की हम झामुमो के राजनैतिक शैली का पूर्ण रूपेण समर्थन कर रहे हैं | राषट्रीय दलों के स्वार्थपरक आचरण के कारण यह समय की मांग है की झारखंडी पृष्ठभूमि वाले दल एक मंच पर एकत्रित हों | झामुमो के साथ समन्वय इस दिशा में आजसू की एक महत्वपूर्ण पहल है | मै यह विशेष रूप से यह कहना चाहूँगा की राज्यसभा चुनाव में आजसू के निर्णय को उमीदवार विशेष के समर्थन के रूप में नहीं देखकर झारखण्ड में एक नए राजनैतिक ध्रुवीकरण की दिशा में मजबूत पहल के रूप में देखा जाना चाहिये| इसके दूरगामी राजनैतिक परिणाम होंगे |
लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा की क्षेत्रीय दल, जवाबदेह आचरण करते हुए साफ़ सुथरी एवं पारदर्शी राजनीती  की दिशा में ठोस  कदम बढ़ाएं | आजसू सदा की तरह इस दिशा में प्रयतनशील रहेगा |
झारखण्ड की वर्तमान हालात के लिए विगत दशक में झारखण्ड की राजनीतिक अस्थिरता मूख्य कारण  रही है ! राजनैतिक अस्थिरता का मूख्य कारण विधान - सभा में सीटों की संख्या कम होना भी है | कई अपेक्षाकृत छोटे राज्यों के विधान - सभा में सीटों की संख्या झारखण्ड से कहीं अधिक है | अतः यह आवश्यक है की झारखण्ड विधान - सभा में सीटों की संख्या दोगुनी की जाये | आजसू की मांग को लेकर शीघ्र ही एक अभियान चलाएगी |

" भावना"
प्रवेशांक से साभार